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तुम्ही ने सारा अखबार लिखा है


एक नूर इतना चमकता है,
यही दिखता है, यही खींचता है,
इश्क क्या है यूँ तो
खबर भर भी न थी हमको, 
कई हँसी, कई अदाएँ, कई निगाहें 
बेमिसाल  देखी,
देखा यह सब भी तुमने 
अकेले सम्भाल रखा है,
ये आँखे हो रखी हैं एकटक तुम्हारी ओर , 
अब खबर भर भी क्या लगती है,
यही लगता है 
तुम्ही ने सारा अखबार लिखा है।
#निर्झर

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