एक नूर इतना चमकता है,
यही दिखता है, यही खींचता है,
इश्क क्या है यूँ तो
खबर भर भी न थी हमको,
कई हँसी, कई अदाएँ, कई निगाहें
बेमिसाल देखी,
देखा यह सब भी तुमने
अकेले सम्भाल रखा है,
ये आँखे हो रखी हैं एकटक तुम्हारी ओर ,
अब खबर भर भी क्या लगती है,
यही लगता है
तुम्ही ने सारा अखबार लिखा है।
#निर्झर
2 Comments
ale mst bhai
ReplyDeletethank you
ReplyDelete