पहला तोहफा
(Part 1 )
"भूत नहीं माँ पर कोई चोर तो उठा सकता है ना ? ये तो हुई अंदर की बात सही में तो मेरा भाई " वरना भूत खा जायेगा " बोल मुझसे अपने कितने काम निकलवा लेता था और इधर माँ समझा-समझा थक चुकी थी भूत-वुत कुछ नहीं होता बस इसिलए माँ के आगे मैं भूत को चोर बोलता।
तो अब तेरा चोर मुझे या तेरे पापा को ले गया तब क्या करेगा ? " माँ ने भी पूछा "
ऐसे कैसे ले जाएगा आपको ? चोर तो सबसे कीमती चीज़ चुराता है ना " हा हा हा " फिर पापा और माँ भी खूब हँसते और मैं माँ से लिपट कर सो जाता और पापा मुझसे ।
8 साल की उम्र रही होगी मेरी तब और उस घर में आए हुए लगभग 4 साल हो चुके थे हमें। और चार सालों बाद भी ये हमें नया ही लगता था।
माँ और पापा ने बड़ी मेहनत से खड़ा किया था वो घर ,माँ का मजदूरों को चाय पिलाना पापा का उन पर ध्यान रखना और हम दोनों भाइयों ने भी तो उसी गेलेरी में क्रिकेट खेलना सिखा था। शाम को माँ और उनकी सहेलियों की मण्डली बैठती मण्डली क्या आज की किट्टी पार्टी ही कह दो ।
हमारी दूकान थी "अनुराधा जनरल स्टोर " नाम से "अनुराधा देवी" मेरी दादी का नाम, जिनका देहांत पापा के बचपन में ही हो गया था । पापा ने न जाने कितनी ही बाते बताईं हैं दादी के बारे में । सब कुछ पापा ने अपने बलबूते से कमाया था। मैं तो यह सोचकर दंग रह जाता था कि कोई कैसे पूरी ज़िंदगी अपनी माँ के बिना रह सकता है !तभी सोचा पापा जैसा बहादुर आदमी मेरी हर बात मानता है तो मैं ही हूँ असली हीरो, बस इसिलए था मैं हीरो बाकी तो बातें करवालो खूब ।
...
स्कूल की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में पापा और माँ की अनिकेत डॉ बनेगा या पायलट वाली लड़ाई आज अचानक ही सपने में आई और एकाएक मेरी आँख खूल गई , करवट घुमा लाइट ऑन की और कमरे की दाहिने तरफ की दीवार पर टंगी हमारी बचपन की तस्वीर को देखा कितने प्यार से उन्होंने मुझे गोद मे लिया था ये पहला फ़ोटो था हमारे नए घर के साथ वो भी हमारे पहले कैमरे से।
मैं खड़ा हुआ और तस्वीर हाथ में लेकर छत पर चला गया ।
हर जगह बस यादें ही यादें थी बचपन की , आँखे नम हुई ही थी की पीछे से साक्षी ने मेरी पीठ पर हाथ रखा अनिकेत कल आ तो रही है न माँ और उसने मुझे गले से लगा दिया।
साक्षी मैं क्यों हमेशा अपनी माँ से ज्यादा प्यार करता था ?
हा हा हा तो कल अपने लाडले से पूछ लेना किसका बेटा है माँ का या पापा का ? और हम दोनों हँसने लगे मैंने उसके माथे को चूमा और फिर वापस कमरे में आ गया ।
34 साल का हो चुका हूँ अब मैं और पापा के देहांत को करीब 22 साल ।
Part 2
coming soon
1 Comments
awesome bro!Waiting for the next part!
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