ads

अपने

कीचड़ के पास से गुजर रहा था कुछ अपने लोगों ने  कीचड़ में पत्थर मारा ,मुझपर नहीं मारा अपने थे वो ,, पर कीचड़ की छीटें मेरे चेहरे कपड़ो और पैरों को लगी,,
 मैं रुका नहीं आगे चल पड़ा  ,,
 चलते चलते एक दोस्त मिला उसके हाथ में साफ पानी की बाल्टी थी उसे सब बताया तो मेरे कुछ कहने से पहले ही वो व्याकुल हो निकल गया और वो बाल्टी पत्थर फेंकने वाले पर गिरा आया,,

मैं अब भी कीचड़ से सना था पर अब मैं मेरा चेहरा अपने हाथों को मैला कर साफ कर चुका था,,
आगे एक और दोस्त मिला वो मुझे गंदगी से भरा देख कर जल्दी जल्दी में एक कपड़े से पोछने लगा मैंने पीछे हटकर कहा ये कपड़ा गंदा है और ये मुझे और मैला कर रहा है फिर मैं वहां से आगे चला गया,,

मैं अब पहले से अधिक मैला था , और इस बार कोई मिला नहीं पर  मैं अपने प्रिय मित्र के पास गया, और उससे जाकर हाल कहां  उसने मुझपर पास में पड़ा बर्फ के समान ठंडा पानी गिरा दिया ,,
तो अब मैं मैला नहीं हूँ लेकिन मुझे अभी जुखाम के साथ हल्का बुखार है..

Post a Comment

0 Comments