उगता हुआ, ढलता हुआ कभी कभी दोपहर का पर बादलों के पीछे वाला सूरज अच्छा लगता है,…
Nextतुम्हें मैं किस तरह सहारा दूँ जिससे केवल तुम्हें सुकून मिले मुझे कुछ भी न मिले। …
Nextअशांत जिज्ञासा , भटकते हुए थककर शांत होने लगे , मृदु वाक कौशल , होठों के सूख…
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